वैधव्य
------------
कालेज में वह फेमस था , लड़कियां उसकी इक इक अदाओं पर मरती थी । आज फेयरवेल पार्टी थी , कामिनी उसकी सबसे अच्छी दोस्तों में से एक थी , कामिनी ने कागज का एक टुकड़े में कुछ लिखा और उसके कान में कुछ कहा ।
" यह क्या बेहूदा मजाक है उसने कागज के टुकड़े टुकड़े कर हवा में उड़ा दिया ।
कुछ दिनों उसको पता चला कि सुनील की एक्सीडेंट से मौत हो गई है ।
तब से उसने मौन वैधव्य धारण कर अपना जीवन उसके नाम कर दिया ।
( पंकज जोशी ) सर्वाधिकार सुरक्षित ।
लखनऊ । उ.प्र
08/07/2015
------------
कालेज में वह फेमस था , लड़कियां उसकी इक इक अदाओं पर मरती थी । आज फेयरवेल पार्टी थी , कामिनी उसकी सबसे अच्छी दोस्तों में से एक थी , कामिनी ने कागज का एक टुकड़े में कुछ लिखा और उसके कान में कुछ कहा ।
" यह क्या बेहूदा मजाक है उसने कागज के टुकड़े टुकड़े कर हवा में उड़ा दिया ।
कुछ दिनों उसको पता चला कि सुनील की एक्सीडेंट से मौत हो गई है ।
तब से उसने मौन वैधव्य धारण कर अपना जीवन उसके नाम कर दिया ।
( पंकज जोशी ) सर्वाधिकार सुरक्षित ।
लखनऊ । उ.प्र
08/07/2015
No comments:
Post a Comment