Monday 29 June 2015

छुटकारा
------------
लम्बे समय से वह कैंसर से जूझ रहा था , मृत्यु दया की उसकी अपील उच्चतम न्यायालय भी ठुकरा चुका था । पत्नी के जेवर , बच्चों को फ़टे हाल कपड़ो में घूमते देखते हुए उसका मन कराह उठता ।

सुरसा समान बीमारी ने सब कुछ लील लिया था ।

एक रात उसने अपने पत्नी से कहा कि " क्यों नहीं तुम मेरा गला घोट कर इस लाइलाज बीमारी से मुझको और सबको मुक्त कर देती हो, आज नहीं तो कल मुझे मरना ही है तो आज क्यों नहीं ? "

अगली सुबह घर में मातम पसरा था .......


( पंकज जोशी ) सर्वाधिकार सुरक्षित
लखनऊ । उ.प्र
29 /06/2015

No comments:

Post a Comment