लघुकथा:-बदलते चेहरे
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मनीषा एक साधारण नैन नक्श वाली , एक गरीब परिवार की लड़की , जिसका विवाह उच्चकुलीन परिवार के लड़के रमेश के साथ हुआ , जो अपनी बूढ़ी माँ के साथ एक आलिशान घर मे रहता है ।
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मनीषा एक साधारण नैन नक्श वाली , एक गरीब परिवार की लड़की , जिसका विवाह उच्चकुलीन परिवार के लड़के रमेश के साथ हुआ , जो अपनी बूढ़ी माँ के साथ एक आलिशान घर मे रहता है ।
रमेश
के घर पर मानो कोई बुरा साया छाया हुआ था पहले उसके पिता बाद में उसके भाई व बहन
की अचानक हुई मृत्यु ने घर पर मनहूसियत के चिन्ह मानो अपने पीछे छोड़ रखे हों ।
मनीषा
के पाँव पड़ते ही पूरे घर का काया कल्प
ही हो गया था । पूरे घर पर उसके गुणों की सुंदरता ने अपना जादू बिखेर दिया था ।
उसके गुणों ने मनहूसियत के ग्रहण पर आशा की किरणें फैला सी दी थीं ।
जो सास अपने पति और बच्चों के गुज़र जाने के बाद पूरी तरह अवसाद
ग्रसित हो चुकी थी उसको मानो उड़ने के लिये पर मिल गये हो और वह पुनः जीना चाहती थी
।
घर की स्याह मनहूसियत की दीवारें आज मानो रंगीन हो उठी हो , चमकने लगी है । सभी के चेहरों पर प्रसन्नता के भाव, गुलाब
के फूल के
मानिंद खिल से रहे हों ।
एक नई सुबह नई आशा की किरणों के साथ बदलते चेहरे ।
(पंकज
जोशी) सर्वाधिकार सुरक्षित ।
लखनऊ । उ०प्र०
12/03/2015
लखनऊ । उ०प्र०
12/03/2015
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