लघु कथा :- धोखा
-------------------------------
-------------------------------
विधवा सरिता जो की एक रईस घराने
से थी,समाज में उनकी बहुत मान प्रतिष्ठा थी , अचानक उन्होंने अपनी कंपनी में काम करने वाले एक मामूली क्लर्क रोशन ,जो कि उनके लड़के अमित की उम्र का होगा या उससे दो चार साल बड़ा , के साथ गुपचुप तरीके से शादी करके सबको चौंका दिया ।
मामूली क्लर्क अब रोशन सेठ
बन चुका था । इतनी जल्दी उसके भाग्य फिरेंगे यह तो स्वयं उसकी परिकल्पना शक्ति के
परे की बात थी ।
शादी के कुछ ही महीने के भीतर बड़े रहस्यमयी ढंग से सरिता की मौत
हो जाती है ।
अमित को माँ के
गुज़र जाने के बाद अकेलेपन का अहसास ना हो इसलिये संभावना उसके साथ ही रहने लगी थी । एक दिन अमित को
बिजनेस के सिलसिले में बाहर जाना पड़ता है । काम खत्म कर वह संभावना से मिलने की
तड़प में जल्दी घर लौट आता है ।
घर पर उसको रोशन के कमरे से संभावना के हँसने की आवाज सुनाई पड़ती है और वह दबे
पाँव रोशन के कमरे के अधखुले दरवाजे से जो देखता है .................उससे वह बुरी
तरह टूट जाता है ।
अपने कमरे की अलमारी खोल उससे कुछ निकालता है और अंदर से कमरा बंद कर लेता है ।
कुछ मिनट बाद उसके कमरे से धाँय की आवाज आती है ।
दरवाजे से उसका खून रिस कर बाहर बह रहा होता है । सम्भावना के क़दमों
तले ।
(पंकज
जोशी) सर्वाधिकार सुरक्षित ।
लखनऊ । उ०प्र०
19/02/2015
लखनऊ । उ०प्र०
19/02/2015
No comments:
Post a Comment