लघु कथा :- मोह माया
----------------------------------------
----------------------------------------
बाबा इतनी दौलत जोड़े हो किसके लिये इकलौता
बेटा है । काहे इसके नाम नहीं कर देतो हो डॉक्टर साहब बोले । अरे डॉक्टर साब आप
क्या जानो जब आप हमारी उम्र के होंगे तब समझेगे । डॉक्टर बाबू ई मोह माया ना है
अभी जो बचवा बहु हमारी देखभाल कर रहें हैं ना जहां इस नालायक के नाम कर दी उस दिन
तो हम गये काम से...आपने डॉक्टर साब बागबान पिक्चर देखे हैं बच्चनवा की । बेटा बाप
बाप बेटे को और डॉक्टर उन दोनों को निरुत्तर देख रहा था ।
(पंकज
जोशी ) ) सर्वाधिकार
सुरक्षित ।
लखनऊ । उ०प्र०
लखनऊ । उ०प्र०
01/03/2015
No comments:
Post a Comment